Little Known Facts About apsara sadhna.

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आपने अप्सरा साधना, लाभ, तकनीक, और अंतरों के बारे में बहुत ही रोचक जानकारी प्रदान की है। यह सब जानकारी आपकी जिज्ञासा को पूर्ण करने में मददगार साबित हुई है। अप्सरा साधना के बारे में और जानने के लिए आप गुरु की शरण में आएंगे, तो यह एक अद्भुत अनुभव हो सकता है। कृपया ध्यान दें कि यह साधना विशेषज्ञता और नियमितता की आवश्यकता पर आधारित होती है, इसलिए इसे सावधानीपूर्वक करें। आपका इस विषय में रुचि और अध्ययन करने का धन्यवाद!

साधना के लिए एकांतिक स्थान का चयन करते समय आसन की विशेष ध्यान देना चाहिए।

लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि अप्सराएं भी देवीयों के रूप में हैं और उन्हें साधकों के उत्थान और मनोवैभव की दिशा में ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्हें केवल संतोष, समृद्धि और आत्मिक उत्थान के लिए प्रार्थना का सहारा बनाना चाहिए।

ये सभी गुण अप्सराओं को अत्यंत प्रिय और मनोहारी बनाते हैं, जो कि हिन्दू मिथकों में अप्सराओं के स्वरूप का विवरण करते हैं।

माला के सहाय्य से मंत्र जप करें। प्रातःकाल माला को नाभि के सामने, दोपहर को ह्रदय के सामने, सायंकाल मस्तक के सामने रखें।

An Apsara may be certain to give you the results you want for not more than five years. Right after five years, she won't pay attention to your instructions. Then, you are able to perform the Apsara Sadhana once more to invoke Yet another Apsara to complete jobs in your case.

If you believe it is not hard to entice an Apsara, you don't know the number of efforts that you are predicted to get to complete the same. She's not some prey that’s planning to fall into your entice. Also, it isn't the normal meditation or any ordinary Sadhana which you do in your temple place.

The practice can empower people by supporting them reclaim their assurance and self-worthy of, leading to a far more fulfilling life.



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आनंद और भोग: अप्सरा साधना साधक को आनंद और भोग का अनुभव click here कराती है। यह साधना उसे जीवन की सुख सम्पत्ति के साथ-साथ आत्मा की ऊर्जा और आनंद की अद्वितीयता का अनुभव कराती है।

इस अप्सरा की कामेच्छा कभी शांत नहीं होती सदैब यह कामपीडित बनी रहती है इसीलिए इसका नाम कामेच्छी पडा है। इसका अनुष्ठान सरल है । सोमबार के कमलधारिणी देबी का चित्र ले। एकान्त स्थान पर रात्रि में उक्त मंत्र से पूजा कर ७ दिन तक हकीक माला से ११००० जप करे तो देबी सिद्ध हो जाती है प्रभाब स्वयं पता चलता है ।

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